रायपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। राज्य सरकार ने एम्स की तर्ज पर सिम्स (स्पेशलाइज्ड मेडिकल इंस्टीट्यूट) खोलने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरुआत बिलासपुर से हो चुकी है। राजधानी के डीकेएस सुपरस्पेशियल्टी अस्पताल में जल्द ही आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने वाली है। शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान योजना के तहत 77 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की योजना है। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 25 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए 5461 करोड़ के बजट को बढ़ाकर 7,563 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अंबेडकर अस्पताल में 700 बिस्तरों वाले नए भवन का निर्माण शुरू हो गया है। मलेरिया के मामलों में 50% की कमी आई है, और टीबी मुक्त पंचायतों की संख्या बढ़कर 2,198 हो गई है। पिछले नौ महीनों में 1,200 लोगों को 43 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
वहीं प्रदेश में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई शुरू की गई है जबकि एमबीबीएस सीटें बढ़ाकर 1,460 कर दी गई हैं। आंकड़ों के मुताबिक, प्रसव के सरकारी अस्पतालों में होने की दर 85.7% हो गई है, और 90% गर्भवती महिलाएं जननी सुरक्षा योजना का लाभ ले रही हैं।
राज्य के 32 डायलिसिस यूनिट 26 जिलों में संचालित हो रहे हैं, और 1.32 करोड़ लोगों की सिकलसेल एनीमिया की जांच हो चुकी है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राज्य ने कई नई योजनाएं लागू की हैं और चिकित्सा क्षेत्र को लगातार बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।