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छत्‍तीसगढ़ में डिजिटल क्रांति के साथ NIA ने नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को किया ध्वस्त

By Harshit Shukla

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रायपुर। छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित क्षेत्र, अब डिजिटल क्रांति और नक्सलवाद के खिलाफ सशक्त लड़ाई के नए दौर में प्रवेश कर रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की मजबूत कार्यवाही से नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। यहां अति नक्सल प्रभावित इलाकों में 253 नए मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं, जिससे न सिर्फ आम लोगों की जिंदगी आसान हो रही है, बल्कि सुरक्षा बलों की गतिविधियों में भी बड़ा सुधार देखने को मिला है।

डिजिटल कनेक्टिविटी से सुरक्षा बलों को बढ़त

इन नए मोबाइल टावरों से जवानों को जल्दी सूचना के साथ कमांड मिलने लगी है, जिससे नक्सलियों के खिलाफ अभियानों में तेजी आई है। जिन इलाकों में पहले मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं थी, वहां अब डिजिटल कनेक्टिविटी की पहुंच सुनिश्चित की गई है, जिससे गांवों में पहली बार मोबाइल सेवाएं उपलब्ध हो सकी हैं। यह नक्सली गतिविधियों पर नजर रखने और सूचना आदान-प्रदान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।

एनआईए की सक्रियता और नक्सलियों पर आर्थिक प्रहार

नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को ध्वस्त करने के लिए एनआईए ने पिछले कुछ महीनों में 18 नए मामलों की जांच शुरू की है। कई लोग जो नक्सलियों को फंडिंग करते थे, गिरफ्तार किए गए हैं। इसके साथ ही एनआईए 27 अन्य मामलों की भी जांच कर रही है, जो नक्सल गतिविधियों और उनके आर्थिक सहयोग से जुड़े हैं।

राज्य सरकार ने नक्सल घटनाओं की जांच और अभियोजन के लिए राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) का भी गठन किया है, जिससे नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई और भी प्रभावी हो रही है।

केंद्र सरकार की एलडब्ल्यूई योजना के तहत डिजिटल क्रांति

केंद्र सरकार की लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म (एलडब्ल्यूई) योजना के तहत 841 करोड़ रुपये की लागत से 971 गांवों में मोबाइल टॉवर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 550 गांवों में नेटवर्क की पहुंच हो चुकी है, और यहां 5जी नेटवर्क भी लाने की योजना पर काम हो रहा है

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