नई दिल्ली। परीक्षाओं की पवित्रता को बनाए रखने के लिए देश में पेपर लीक होने पर संबंधित के खिलाफ कानून तय कर दिया गया है जिसमें 10 साल की सजा एवं एक करोड रुपए के जुमाने का प्रावधान रखा गया है। तो वही सार्वजनिक परीक्षा में नकल का मामला सामने आने पर संबंधित को 3 साल की सजा एवं 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
जारी किया गया गजट
जारी गजट में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 -केंद्रीय भर्ती और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाओं के लिए पेपर लीक विरोधी कानून, शुक्रवार को लागू हो गया। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है, “सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (2024 का 1) की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार एतद्द्वारा 21 जून 2024 को उक्त अधिनियम के प्रावधानों के लागू होने की तिथि के रूप में नियुक्त करती है। इस कानून के लागू होने के बाद सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. संगठित रूप से इस तरह का अपराध करने पर एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही साथ जांच के दौरान अगर इस बात के भी सबूत मिले कि संबंधित घटना में अगर किसी वरिष्ठ अधिकारी की भी संलिप्तता
मेडिकल दाखिले में हुआ था बवाल
ज्ञात हो की हाल ही में नीट की परीक्षा में जमकर विवाद सामने आया था 5 मई को नीट यानी की मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम सामने आया तो उस समय लोग चौंक गए जब घोषित परीक्षा परिणाम में 67 बच्चों ने टॉप किया। वही यूजीसी नीट में पेपर लीक होने के बाद विवाद सामने आया। इसके बाद शुक्रवार को सरकार ने पेपर लीक कानून को लागू कर दिया।