जी-7 शिखर सम्मेलन। 50वां जी-7 शिखर सम्मेलन 14 जून को इटली में शुरू हो रहा है। जिसमें दुनिया के सभी सदस्यता रखने वाले देशों के साथ ही अन्य कई देश हिस्सा ले रहे हैं। शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंचे हुए हैं। पीएम मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधमिंडल भी इटली पहुचा हुआ है। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजति डोभाल, विदेश सचवि विन मोहन क्वात्रा समेत अन्य लोग शामिल होंगे। ज्ञात हो कि 14 जून को आयोजित शिखर सम्मेलन में जहां दुनिया के सभी देश बैठकर बातचीत कर रहे है, वहीं ग्लोबल साउथ के अहम मुद्दों पर भी जुड़ने का यह एक मंच है।
क्या है जी-7 शिखर
जी-7 शिखर प्रमुख औद्योगिक देशों का एक समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जापान, इटली और जर्मनी शामिल है। 25 मार्च 1973 को इस संगठन की शुरुआत की गई थी। इसमें पहले रूस भी शामिल था और जी-8 था, लेकिन बाद में रूस अलग हो गया। इस संगठन का उद्देश्य है कि मानवाधिकारों की रक्षा करना, कानून बनाए रखना और लगातार विकास करना है।
इन देशों को न्यौता
जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी मौजूद रहेंगे। इटली ने भारत के अलावा ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया और संयुक्त राष्ट्र को भी आमंत्रित किया है. यूरोपीय संघ जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है।