छत्तीसगढ़। राज्य के बलौदा बाजार में सतनामी समाज का आंदोलन सोमवार की शाम हिंसक हो गया है और आंदोलन कर रहे लोगो ने कलेक्टर एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ करने के साथ ही आग लगा दिए। इस घटना में सैकड़ों वाहनों छतिग्रस्त होकर जल गए है। आंदोलन के बीच हिंसा होने की जानकारी लगते ही मौके पर भारी पुलिस बल तैनात के जाने के साथ ही पुलिस अधिकारी स्थिति को संभालने के लिए मौके पर पहुचे है। बताया जा रहा है कि आंदोलन में तकरीबन 2 सैकड़ा दो पहिया वाहन एवं चार पहिया वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। कलेक्टर-एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटना से रिकार्ड आदि जल गए है।
ऐसे बिगड़ मामला
बताया जा रहा है कि सतनामी समाज के लोग जैतखाम को छतिग्रस्त किए जाने से नाराज है और मामले में सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। सोमवार को तकरीबन 3ः00 बजे आंदोलन कर रहे लोग कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने के लिए पहुंचे हुए थे जहां ज्ञापन देने पहुंचे लोगों के बीच पुलिस की बहस और झड़प हो गई। इस दौरान लगाए गए वेरीकेट तोड़कर कलेक्टर कार्यालय के अंदर आंदोलन कारी घुस गए और लोगों ने पत्थर बाजी करने के साथ ही गाड़ियों में तोड़फोड़ करके आग लगा दिए। मौके पर कई दमकल वाहनों को बुलाया गया और आग को बुझाया जा रहा है। इस घटना के दौरान कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी भी फंसे रहें।
यह है मामला
जानकारी के तहत 15 मई को सतनामी समाज के धार्मिक स्थल बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को असमाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। बताया जाता है कि पुलिस मामले में कार्यवाही की और तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया था। लोगों का आरोप है कि पुलिस असली आरोपियों को बचा रही है और वे सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग करते हुए समाज के लोग 17 मई से कलेक्ट्रेट के पास स्थित दशहरा मैदान में शांतिपूर्वक धरना आंदोलन कर रहे हैं और इसमें दूसरे राज्यों के सतनामी समाज के लोग भी शामिल हैं। आंदोलन के बीच छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने रविवार को इस मामले की न्यायिक जांच की घोषणा किए थें, लेकिन आंदोलन कारी सीबीआई से जांच कराई जाने की मांग पर अड़े हुए है और एक बार फिर सोमवार को वे कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे थें। जहां ज्ञापन आंदोलन हिंसा में बदल गया है। बताया जाता है कि सतनामी समाज के ध्वज का नाम जैतखाम है।