नई दिल्ली । विदेश मंत्रालय ने ईरान और इस्राइल के लिए यात्रा सलाह जारी की है। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को सलाह दी है कि अगली सूचना तक ईरान और इस्राइल की यात्रा न करें। विदेश मंत्रालय ने उन सभी भारतीयों से भी अनुरोध किया है, जो वर्तमान में ईरान और इस्राइल में रह रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है कि इन देशों में रह रहे भारतीय तुरंत दूतावास से संपर्क करें और अपना पंजीकरण कराएं। विदेश मंत्रालय का यह फैसला इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध के कारण आया है। आशंका है कि इस्राइल हमास के बीच जारी युद्ध में ईरान भी हस्तक्षेप कर सकता है।
इस्राइल-हमास के बीच युद्ध कब और कैसे शुरू हुआ?
हमास ने 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल की अभेद्य मानी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए इसके इलाकों में हमला किया था। इस हमले में 1200 से ज्यादा इस्राइलियों की जानें गई थीं। इस दौरान हमास लड़ाके 240 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। वहीं इस्राइल के जवाबी हमलों में हजारों फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। गाजा के 24 लाख लोगों में से 19 लाख अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं, उनमें आधे बच्चे शामिल हैं।
इस वजह से ईरान की होगी जंग में एंट्री
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इससे दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। इस हमले का ईरान इस्राइल पर आरोप लगा रहा है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि इस्राइल को सजा दी जानी चाहिए। उस पर इस्राइली विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर ईरान हमला करता है तो हम कड़ा जवाब देंगे। चेतावनी को देखते हुए इस्राइल गुरुवार को अलर्ट पर था। ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि अमेरिका को बीच में नहीं आना चाहिए ताकि वह हमले की चपेट में न आ जाए।
लड़ाकुओं को छुट्टी न देने का फैसला
अमेरिका ने भी ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा हमला किए जाने की चेतावनी दी है। हमले की संभावना को देखते हुए मध्य पूर्व तनाव बढ़ गया है। वहीं हाल ही में इस्राइल ने अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत करने और लड़ाकू इकाइयों को छुट्टी न देने का फैसला लिया।
बाइडन ने दिया इस्राइल का साथ
ईरान द्वारा जवाबी कार्रवाई की कसम खाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को इस्राइल को अपना समर्थन दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा था कि जैसा कि मैंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से कहा, ईरान और उसके सहयोगियों से इन खतरों से इस्राइल की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है। हम इस्राइल की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।