नई दिल्ली। मानसून सत्र के दौरान संसद में सोमवार को काफी शोर-शराबा रहा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में जो कुछ कहा उसके बाद बवाल मचा हुआ है। राहुल द्वारा दिए गए वक्तव्य पर एक तरफ हिंदू संगठन भड़का हुआ हुआ है तो वहीं इस्लामिक धर्मगुरु ने भी आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष नसीरुद्दीन चिश्ती ने राहुल गांधी की ओर से ‘अभयमुद्रा’ को लेकर दिए गए बयान को ख़ारिज किया है। उन्होंने उसे इस्लाम से जोड़ने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कांग्रेस नेता से बयान सुधारने की मांग की है।
चिश्ती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘राहुल गांधी जी ने जो अभय मुद्रा को इस्लाम में जोड़ा है वो बिलकुल गलत है। इस्लाम के मूल सिद्धांत के खिलाफ है कि अभयमुद्रा को इस्लाम से जोड़ा जाए। इस्लाम में दुआ मांगने को उन्होंने अभयमुद्रा से तुलना की है जो बिल्कुल गलत है। यहां मूर्ति पूजा नहीं होती बल्कि हिंदू मूर्ति पूजा करते है वहां विभिन्न मुद्राओं का जिक्र है और देवी देवताओं की पूजा होती है, शायद उन्होंने कांग्रेस पार्टी के निशान को अभय मुद्रा से जोड़ने की कोशिश की है। इसे इस्लाम से जोड़ना गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं, उनको अपने बयान को दुरुस्त करना चाहिए।’
दरअसल संसद में दिए अपने भाषण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में हर वर्ग और व्यक्ति को डराते हैं। उन्होंने भगवान शंकर की फोटो दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस का निशान भगवान शिव, इस्लाम, गुरु नानक, महात्मा बुद्ध, महावीर की ‘अभय मुद्रा’ है। जो देश में सत्य, अहिंसा और निर्भयता फैला रहा है। लेकिन जो खुद को हिंदू कहते हाओं वो सिर्फ असत्य अहिंसा फैला रहे हैं।