चेन्नई । राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने रविवार सुबह तमिलनाडु में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी हिज्ब उत तहरीर मामले में की गई। एनआईए ने कार्रवाई के तहत इरोड जिले में भी दो ठिकानों पर छापेमारी की। इससे पहले एनआईए इस मामले में मध्य प्रदेश में भी छापेमारी कर चुकी है। हिज्ब उत तहरीर से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हिज्ब उत तहरीर मामले की कार्रवाई
एनआईए से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तमिलनाडु में कुल 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई और अभी भी कार्रवाई जारी है। गौरतलब है कि साल 2021 में एनआईए ने मदुरै से हिज्ब उत तहरीर मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने उस मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही गैरकानूनी गतिविधि कानून के तहत मामला दर्ज किया था। आरोपी की पहचान मोहम्मद इकबाल के रूप में हुई थी, जिसने सोशल मीडिया पर एक वर्ग विशेष को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक पोस्ट साझा किए थे, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा था।
क्या है हिज्ब उत तहरीर?
इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर जिहाद के लिए युवाओं की पूरी फौज तैयार करने के मकसद से काम कर रहा है। यह कट्टरपंथी संगठन पहले युवाओं को भड़काऊ तकरीरें सुनाता है, फिर उन्हें दिमागी तौर पर जिहाद के लिए तैयार करता है। इसके बाद उनको हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। हिज्ब-उत-तहरीर पर दूसरे धर्म के युवकों का धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाने और फिर उन्हें जिहादी बनाने के भी आरोप हैं। बीते साल मध्य प्रदेश में आतंकवाद-रोधी स्क्वायड और एनआईए ने हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। मध्य प्रदेश से पकड़े गए आरोपियों में से 11 अकेले मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार किए 16 में से 8 लोग पहले हिंदू थे, जिन्हें धर्म परिवर्तन कराकर जिहादी बनाया गया।
हिज्ब उत-तहरीर की 45 शाखाएं
हिज्ब उत-तहरीर की स्थापना फिलिस्तीन में 17 नवंबर 1952 को पूर्वी यरुशलम में तकी अल-दीन अल-नभानी ने की थी। पार्टी की विचारधारा समाजवाद और पूंजीवाद को मध्य पूर्व में बाहरी थोपे जाने के रूप में देखती है और इसने मुस्लिम बहुल भूमि में वैश्विक मुस्लिम आबादी (उम्माह) को पुनर्जीवित खिलाफत (खिलाफत, या इस्लामी राज्य) के तहत एकजुट करने की कोशिश की है। अपनी स्थापना के बाद से, पार्टी का विस्तार हुआ है, पहले मध्य पूर्व में और फिर उससे आगे, वर्तमान में कम से कम 45 देशों में इसकी सक्रिय शाखाएं हैं। पहली यूरोपीय शाखा 1960 के दशक में पश्चिम जर्मनी में स्थापित की गई थी, इससे पहले कि हाल के दशकों में पूरे पश्चिमी यूरोप में अधिक महत्वपूर्ण शाखाएं स्थापित की गईं।