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मध्य प्रदेश पुलिस में सात साल बाद सीधी भर्ती, नए नियमों से बढ़ी चुनौती

By Harshit Shukla

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भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस में सात साल बाद थानेदारों की सीधी भर्ती होने जा रही है, जिससे अभ्यर्थियों में उत्साह है, लेकिन बदले हुए नियमों ने उन्हें परेशान भी कर रखा है। परीक्षा का प्रारूप पूरी तरह बदल दिया गया है और इसे पीएससी पैटर्न पर आयोजित किया जाएगा।

अब भर्ती प्रक्रिया में दो लिखित परीक्षाएं होंगी। पहले चरण में 100 अंकों की प्रारंभिक परीक्षा होगी, जिसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे और इसमें ऋणात्मक मूल्यांकन नहीं होगा। इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा। मुख्य परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होंगे, प्रत्येक 300 अंकों का, जिसमें ऋणात्मक मूल्यांकन लागू होगा।

पहले प्रश्नपत्र में भारतीय इतिहास, समाज, संविधान और कानून से जुड़े प्रश्न होंगे, जबकि दूसरे प्रश्नपत्र में करंट अफेयर्स, अर्थशास्त्र, तकनीक, पर्यावरण और तार्किक क्षमता से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे।

शारीरिक परीक्षा भी इस बार अधिक कठिन कर दी गई है। इसमें 800 मीटर दौड़ की जगह तीन इवेंट—दौड़, गोला फेंक और लंबी कूद शामिल किए गए हैं। कुल 100 अंकों की इस परीक्षा में दौड़ को 40 अंक, जबकि गोला फेंक और लंबी कूद को 30-30 अंक दिए जाएंगे।

नए प्रारूप के चलते परीक्षा अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पुलिस विभाग में अधिक दक्ष और योग्य अधिकारी चुने जा सकेंगे।

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