भोपाल। मध्य प्रदेश के कटनी में जीआरपी थाने में एक बुजुर्ग दलित महिला और उसके पोते की कथित पिटाई का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में खुद संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आरोपियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने कटनी जीआरपी की तत्कालीन महिला टीआई सहित 6 पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना जीआरपी कटनी के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा मारपीट वीडियो सोशल मीडिया पर समने आने के बाद मैने तत्काल कार्रवाई की। मैंने डीआईजी रेल को तत्काल जांच के लिए मौके पर भेजने का निर्देश दिया था।
शुरुआती जांच के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी जीआरपी कटनी सहित एक प्रधान आरक्षक और चार आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि भविष्य में दोबारा ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए।
अपको बता दें, यह घटना करीब एक साल पुरानी है। लेकिन एक साल बाद अचानक इसका विडियो वायरल होने के हड़कंप मच गया। घटना के समय कटनी जीआरपी की टीआई अरुणा वाहने थीं। घटना की जांच डीआईजी रेलवे मोनिका शुक्ला दी गई है।
वहीं इस घटना के सामने आते ही विपक्षी कांग्रेस पार्टी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘मुख्यमंत्री मोहन यादव, क्या आप हमें बताएंगे कि मध्य प्रदेश में क्या हो रहा है? कानून व्यवस्था बनाए रखने की आड़ में आपका पुलिस विभाग गुंडागर्दी कर रहा है और लोगों की जान लेने पर तुला हुआ है। कांग्रेस’ ने कहा कि ‘उन्हें ऐसा करने की इतनी हिम्मत कहां से मिली? क्या यह आपकी लापरवाही के कारण है? क्या आपने उन्हें इस तरह के कृत्य करने की इजाजत दी है?’
दलित परिवार से मिले जीतू पटवारी
घटना के तुरंत बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया और मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक पीड़ित दलित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे। सभी एफआईआर दर्ज कराने रघुनाथ नगर थाने पहुंचे और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप है कि बीजेपी सरकार दलित विरोधी सरकार है।