रीवा। बहुचर्चित रीवा के शिक्षाकर्मी घोटाला मामले में रीवा के जिला एवं सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश ने बड़ा फैसला सुनाते हुए शिक्षाकर्मी घोटाले के 14 आरोपियों को सजा सुनाई है। बताया जाता है कि रीवा जिले के जनपद पंचायत जवा में हुए शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में कुल 19 आरोपी थें। जिनमें से 14 लोगों को सजा सुनाई गई है। इस मामले के तत्कालीन सीईओ समेत 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी बरी किया गया है।
26 साल बाद आया फैसला
शिक्षा कर्मी घोटाला मामले में पैरवी करने वाले आलोक कुमार श्रीवास्तव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला वर्ष 1998 का है। रीवा जिले के जवा जनपद पंचायत क्षेत्र में शिक्षाकर्मी वर्ग एक, वर्ग दो और वर्ग 3 की भर्ती में चयन समिति द्वारा गड़बड़ी किए जाने एवं नियमों को ताक में रखकर भर्ती किए जाने की शिकायत लोकायुक्त में की गई थी। लोकायुक्त ने जांच के बाद केस डायरी को न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
इस मामले में सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीश में पाया कि जनपद पंचायत जवा में की गई शिक्षाकर्मी की भर्ती नियम विरुद्ध तरीके से की गई थी और 19 दोषियों में से तत्कालीन सीईओ बाबूलाल तिवारी, नंद गोपाल समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि रमाशंकर मिश्रा समेत 14 लोगों को सजा सुनाई गई है।