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एमपी के रीवा की धरती पर पले-बढ़े उपेंद्र द्विवेदी होंगे नए थल सेनाध्यक्ष, विंध्य के दो लाल सेना के सर्वोच्च पद पर सुशोभित

By Viresh Singh

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आर्मी चीफ। उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नए सेनाध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर दिया गया है। मंगलवार की रात केंद्र सरकार ने उनकी नियुक्ति कर दी है। वर्तमान थल सेनाध्यक्ष 30 जून को सेवानिवृत हो रहे हैं और उपेंद्र द्विवेदी अब उनका स्थान लेंगे। जानकारी के तहत श्री द्विवेदी आर्मी चीफ के रूप में 2 वर्षों तक अपनी सेवाएं देंगे। बताया जाता है कि देश के नए आर्मी चीफ के पास उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर काम करने का शानदार अनुभव है। वे कश्मीर और राजस्थान यूनिट की कमान भी संभाल चुके है। इतना ही नही आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में काफी सूझबूझ के अधिकारी माने जाते हैं।

रीवा सैनिक स्कूल के रहे हैं पूरा छात्र

जानकारी के तहत आर्मीचीफ बनाए गए उपेन्द्र द्विवेदी का जन्म सतना जिले के मुडिला गांव में हुआ था। उन्होंने सैनिक स्कूल रीवा में पढ़ाई की थी। जानकारी के तहत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के पिता श्री कृष्ण द्विवेदी माइनिंग ऑफिसर थे, जबकि मां ग्रहणी थी। तीन भाइयों में उपेंद्र द्विवेदी सबसे छोटे हैं। उनके सबसे बड़े भाई पीपी द्विवेदी रीवा एसएस मेडिकल कॉलेज के डीन रहे, जबकि दूसरे नंबर के भाई पीएस द्विवेदी भोपाल में सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर पद से रिटायर्ड हुए। बहन डॉक्टर पुष्पा पांडे जबलपुर जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ है। आर्मी चीफ श्री द्विवेदी 1973 से 1980 तक रीवा के सैनिक स्कूल में पढ़ाई किए थें और वे 6वीं से 12वीं तक नर्मदा हाउस के छात्र रहें। ग्रेजुएशन के बाद 15 जून 1984 को उनका सेना में चयन हो गया था। आर्मी चीफ श्री द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था।

विंध्य के दो लाल सेना के सर्वोच्च पद पर सुशोभित

ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश का विंध्य क्षेत्र वर्तमान में भारतीय सेना के ऑफीसरों से सुसज्जित है बता दें कि जहां उपेंद्र द्विवेदी को थल सेना अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी 30 जून को मिलने जा रही है और वे सतना जिले के मुडिला गांव के रहने वाले है तो वही सतना जिले के महुडर गांव निवासी दिनेश त्रिपाठी नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दोनों ही आर्मी ऑफिसर सैनिक स्कूल रीवा के पासआउट छात्र हैं और विंध्य की इस धरती में पलेबड़े दोनों ऑफिसर आज सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन होकर इस मिट्टी की महक को देश के नाम रोशन कर रहे हैं।

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