भोपाल। मध्यप्रदेश में मोहन सरकार अब पूर्व की शिवराज सरकार का एक और बड़ा फैसला बदल सकती है। सरकार ने पिछली शिवराज सरकार के कार्यकाल में बंद किए गए सीपीए राजधानी परियोजना को फिर से नए सिरे से शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने सीपीए को 3 मार्च 2022 में बंद कर दिया था और सीपीए के काम को लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और नगर निगम के सुपुर्द कर दिया था।
मोहन सरकार अब सीपीए को नए सिरे से फिर से अस्तित्व में लाने जा रही है। इसके लिए सीएम मोहन यादव ने संबंधित अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। मुख्य सचिव वीरा राणा ने सीपीए की बैठक के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। एक अधिकारी के अनुसार बैठक में सीपीए की समीक्षा की जाएगी। हालांकि, सीपीए के विघटन और पुनर्जीवन की बात नहीं की गई है।
साल 1960 में किया गया था सीपीए का गठन
खबरों के अनुसार मोहन सरकार की पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर ने सीएम मोहन यादव को एक पत्र के माध्यम से सीपीए को पुनर्जीवित करने की मांग की है। सीपीए का गठन 1960 में किया गया था। सीपीए का काम राजधानी की सड़कों को बनाना, उनका रखरखाव, मेंटेनेंस, बाग बगीचों को बनाना, बिल्डिंग बनाना, पुलियों का निर्माण कार्य करना और शहर को खूबसूरत बनाना जैसे कई काम सीपीए के अंतर्गत आते है। भोपाल की वीआईपी रोड सीपीए द्वारा बनाया गया था। इसके अलावा सीपीए ने भोपाल शहर में कई इमारतों और भवनों का निर्माण किया है।