डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के मेहदबानी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भुरका गांव में एक किसान अपने चार साल के मासूम बच्चे का शव टोकरी में रखकर बाइक से गांव ले जाने के लिए मजबूर हो गया। जानकारी के तहत भुरका गांव निवासी हीरा उइके का 4 वर्षीय पुत्र चंदन की जलने के कारण मौत हो गई थी। पीएम के बाद वह बेटे का शव ले जाने के लिए पहले तो पुलिस और अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया, जब बात नहीं बनी तो वह एक टोकरी में बेटे का शव रखकर बाइक से गांव लेकर निकल पड़ा।
14 किलोमीटर का किया सफर
हीरा उइके ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह तकरीबन 14 किलोमीटर का सफर करके अपने पुत्र का शव बाइक से लेकर गांव जा रहा है। बताया जाता है कि हीरा उइके का पुत्र दिव्यांग था और जलने के कारण वह चल फिर नहीं पा रहा था, तो वही एक दिन पूर्व झोपड़ी में आग लग जाने के कारण हीरा के दो बच्चे तो निकल गए जबकि दिव्यांग चंदन राज एक बार फिर आग की आग की जद में झोपड़ी के अंदर फस गया और जलने से उसकी मौत हो गई थी।
हीरा का कहना था कि पीएम के बाद वह बेटे का शव गांव ले जाने के लिए वाहन के लिए संपर्क करता रहा लेकिन जब बात नही बनी तो वह वह बाइक से ही अपने गांव बेटे का शव लेकर निकल पड़ा। मजबूर पिता अपने बेटे का शव लेकर गांव तो पहुंच गया लेकिन उनकी बाइक से बेटे का शव लेकर जाते हुए तस्वीर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही और इसको लेकर शासन प्रशासन के व्यवस्था पर एक एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं।