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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शिप्रा में लगाई डुबकी, जमकर की तैराकी, बोले- 20 साल पहले पानी नहीं मिलता था

By Shashikant Mishra

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उज्जैन । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव गुरुवार सुबह धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे जहां वह सबसे पहले मां शिप्रा के तट रामघाट पहुंचे। जहां उन्होंने शिप्रा नदी में डुबकी लगाई और कुछ देर तक तैराकी का आनंद भी लिया। मां शिप्रा में डुबकी लगाने के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मां शिप्रा की पवित्रता पर प्रश्न उठाने वाले लोगों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रश्न ना उठाएं मां शिप्रा की पवित्रता बनी रहने दें।
लगभग एक सप्ताह पूर्व मां शिप्रा में गंदे नाले का पानी मिलने पर कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी महेश परमार नाले के पास ही बैठ गए थे और इस दुर्गंध वाले पानी के शिप्रा में मिलने पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर कई प्रश्न उठाए थे। यही नहीं इसके बाद वह नदी में उतरे थे जहां उन्होंने इस गंदे नाले के पानी के कारण मैली हो रही मां शिप्रा में ही डुबकी लगाई थी और इस पानी का आचमन कर सूर्य को अर्ध्य भी चढ़ाया था। कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी महेश परमार द्वारा केंद्र और राज्य सरकार पर शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर उठाए गए प्रश्न के बाद आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव रामघाट पहुंचे जहां उन्होंने मां शिप्रा को पावन और स्वच्छ बताते हुए डुबकी लगाई।

मीडिया से यह बोले मुख्यमंत्री डॉ यादव

मां शिप्रा में डुबकी लगाने के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा महाकाल की नगरी मे 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है। शिप्रा के पावन तट पर स्नान करने का विशेष महत्व है यहां की परंपरा है कि हम यहां डुबकी लगाकर इस तीर्थ का महत्व बढ़ाएं। आपने कहा कि बड़ा दुख होता है जब कभी-कभी कुछ लोग मां शिप्रा पर प्रश्न उठाते हैं हम सब जानते हैं कि यह मां शिप्रा का तट है इसकी पवित्रता सदैव बनी रहना चाहिए।

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