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कम मतदान प्रतिशत ने बढ़ाई बीजेपी  की टेंशन, प्रदेश अध्यक्ष ने कम मतदान के लिए निर्वाचन आयोग के नियमों को बताया जिम्मेदार

By Shashikant Mishra

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भोपाल। लोकसभा चुनाव के अब तक के दो चरणों में हुए कम मतदान ने भाजपा के माथे पर शिकन बढ़ाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की सख्त हिदायतों के बाद नेता पसोपेश में हैं। लाख कोशिशों के बाद मतदान जागरूकता न ला पाने से आयोग भी सकते में है। कोशिशों में जुटी भाजपा ने अब कम मतदान का ठीकरा आयोग के सिर फोड़ते हुए शिकायत कर डाली है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने खजुराहो में हुए कम मतदान को लेकर चुनाव आयोग को घेरे में लिया है। उन्होंने मशीनों की खराबी का हवाला देते हुए धीमी मतदान प्रक्रिया से हुए नुकसान का जिक्र किया है। शिकायत में वीडी शर्मा ने कहा है कि खजुराहो लोकसभा में युवाओं को वोटिंग का मौका ही नहीं मिल पाया, जिसके चलते करीब पांच प्रतिशत युवा वोटर बिना मतदान किए बूथों से वापस लौट गए।

शाह की सख्ती से सकते में विधायक

केंद्रीय मंत्री अमित शाह की सख्त हिदायत के बाद प्रदेश के मंत्री और भाजपा विधायक सकते में दिखाई दे रहे हैं। भाजपा नेताओं की ढिलाई के बाद बने हालात को तुरंत सहेजना उनके लिए मुश्किल टास्क नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रियों और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होने की चेतावनी ने इन नेताओं की नींद उड़ा दी है।

आयोग की नजर अगले चरण पर

मतदान में जागरूकता लाने के लिए चुनाव आयोग भी पिछले कई दिनों से प्रयासों में जुटा हुआ है। मतदान में सुविधाएं, मतदान के बदले आकर्षक ऑफर और लोगों को उनके कर्तव्यबोध के बाद भी लगातार दो चरणों में वोटिंग परसेंटेज न बढ़ पाना आयोग के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस स्थिति के चलते उसने अब 7 मई को होने वाले अगले चरण के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

क्यों गिरा मतदान का प्रतिशत

सियासी समीक्षकों के मुताबिक मतदान प्रतिशत गिरना सत्तारूढ़ दल के खिलाफ जाने वाला फैसला होता है लेकिन इसके तात्कालिक कारणों में गर्मी की अधिकता, शादी-ब्याह का सीजन और दोनों चरणों का मतदान शुक्रवार के दिन होना माना जा रहा है।

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