रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने उन्हें 18 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया और 22 जुलाई 2025 तक के लिए अदालत से रिमांड प्राप्त कर लिया है।
सोमवार को ईडी ने इस संबंध में प्रेस नोट जारी किया। ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल को इस घोटाले से लगभग 16.70 करोड़ रुपये की अवैध आय प्राप्त हुई थी, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से वैध दिखाने की कोशिश की। इस राशि का उपयोग उन्होंने नकद भुगतान और बैंकिंग माध्यमों के ज़रिए अपने प्रोजेक्ट्स में किया।
जांच में यह भी सामने आया है कि चैतन्य बघेल ने कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट में फर्जी फ्लैट खरीद दिखाकर 5 करोड़ रुपये का नकद लेन-देन किया। बैंक ट्रांजैक्शन से इस घोटाले से जुड़े पैसों की पुष्टि हुई है।
ईडी का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने इस घोटाले से संबंधित 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की आपराधिक आय को संभालने और कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को सौंपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस धनराशि का उपयोग राजनीतिक और व्यापारिक कार्यों में किया गया।
इससे पहले इस मामले में ईडी ने कई अहम गिरफ्तारियाँ की हैं जिनमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों, विधायक कवासी लखमा और अनवर ढेबर शामिल हैं।