
रायपुर। छत्तीसगढ़ ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अप्रैल 2025 में राज्य ने 4135 करोड़ रुपये का वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह कर देशभर में अपने कदम मजबूती से जमा लिए हैं। इस प्रदर्शन के साथ छत्तीसगढ़ अब देश के टॉप 15 जीएसटी संग्रह करने वाले राज्यों की सूची में शामिल हो गया है।
सबसे खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ ने इस दौड़ में केरल, पंजाब, बिहार और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। यह न सिर्फ राज्य की आर्थिक सशक्तता का संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि यहां व्यापार और उद्योग को लेकर सकारात्मक माहौल बन रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस शानदार प्रदर्शन के पीछे राज्य सरकार द्वारा बीते कुछ महीनों में किए गए ठोस और व्यावहारिक सुधार हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते 15 महीनों में सरकार ने उद्योग और व्यापार से जुड़े कई पुराने और जटिल नियमों को आसान बनाया है।
सरकार ने न केवल व्यापारिक नियमों को सरल किया, बल्कि कई गैर-जरूरी और बाधक कानूनों को भी समाप्त कर दिया। इसके अलावा, अब जरूरी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे व्यापारियों और निवेशकों को कामकाज में आसानी हो रही है। पेट्रोल पंप खोलने के लिए अब लाइसेंस लेना जरूरी नहीं रहा, और उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया भी अब पहले से कहीं ज्यादा सहज और सरल हो गई है।