रायपुर के चर्चित शराब घोटाले मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को एक बार फिर ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की रिमांड पर भेज दिया गया है। बुधवार को विशेष अदालत ने उन्हें सात अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर सौंपने का आदेश दिया।
ईओडब्ल्यू ने मंगलवार को अदालत में प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन दिया था, जिसमें लखमा से आगे पूछताछ की अनुमति मांगी गई थी। सुनवाई के दौरान ईओडब्ल्यू ने 10 दिन की रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने सात दिन की रिमांड मंजूर की। उधर, बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि गुरुवार को हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही रिमांड की मांग कर दी गई।
कोर्ट में पेशी के बाद कवासी लखमा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह निर्दोष हैं और सरकार उन्हें परेशान कर रही है। उन्होंने कहा, “मैं गरीब आदमी हूं। मैंने बस्तर की आवाज उठाई, इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है।”
इससे पहले, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने लखमा को 16 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
इसके अलावा, इसी मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज द्विवेदी की न्यायिक रिमांड को भी 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में उनकी पेशी हुई, जहां न्यायाधीश ने सभी की रिमांड अवधि बढ़ाने का आदेश दिया।