रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा वर्ष 2026 तक नक्सलियों का सफाया करने के लक्ष्य की ओर प्रदेश सरकार तेज़ी से बढ़ रही है। वर्ष 2024 अब तक का सबसे सफल नक्सल विरोधी अभियान साबित हुआ है। बस्तर में अब तक 237 नक्सली मारे गए, जिनमें से 217 के शव पुलिस ने बरामद किए। शेष 20 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि स्वयं नक्सलियों ने की है।
इस वर्ष 925 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 792 ने हथियार छोड़ मुख्यधारा में वापसी की। पुलिस ने नक्सलियों के 284 हथियार, जिनमें इंसास और एके-47 जैसे बड़े हथियार शामिल हैं, जब्त किए। कई हथियार नक्सलियों ने पुलिस से लूटे थे।
पुलिस और नक्सलियों के बीच 124 मुठभेड़ हुईं, जिनमें नौ करोड़ रुपये से अधिक के इनामी नक्सलियों का खात्मा किया गया। इनमें शीर्ष नक्सली रणधीर, नीति, और 25 लाख के इनामी कोलू जोगन्ना शामिल थे। डिविजनल कमेटी के 56 बड़े नक्सली नेता और 80 से अधिक मिलिट्री फार्मेशन के नक्सलियों को भी खत्म कर दिया गया।
प्रदेश में 28 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए, जिनमें से कई नक्सलियों के गढ़ दक्षिण व पश्चिम बस्तर और अबूझमाड़ क्षेत्र में खुले। इन कैंपों ने नक्सलियों को अपना आधार छोड़ने पर मजबूर कर दिया। तेलंगाना सीमा पर भी सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता पाई।