रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब जनता सीधे महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों का चुनाव कर सकेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
इस फैसले से 2019 में कांग्रेस सरकार द्वारा अपनाई गई अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को बदल दिया गया है। उस प्रणाली में जनता केवल पार्षदों को चुनती थी, और पार्षद अपने बीच से महापौर और अध्यक्षों का चुनाव करते थे। अब नई प्रणाली के तहत जनता सीधे वोट देकर इन पदों के लिए अपने प्रतिनिधि चुनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1999 से 2019 तक यही प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली लागू थी। कांग्रेस सरकार ने इसे बदलकर अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू की थी, जिसे अब फिर से पुराने रूप में बहाल कर दिया गया है।
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ नगर निगम अधिनियम, 1956 और छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इन संशोधनों से चुनाव प्रक्रिया को फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली के अनुसार तैयार किया जाएगा।
इसके साथ ही, कैबिनेट ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा देने का भी फैसला लिया है। यह कदम राज्य में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद करेगा।