रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में डीएड और बीएड विवाद मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई गई। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिए निर्देशों का पालन न होने पर फटकार लगाई। निर्देश दिए गए थे कि 21 दिनों के भीतर केवल डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर पेश की जाए, लेकिन सरकार और व्यापम द्वारा सूची समय पर प्रस्तुत नहीं की गई। वकील के तर्कों को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। अदालत ने सरकार को सात दिनों का अंतिम अवसर देते हुए नई चयन सूची पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर तय समय सीमा में कार्रवाई नहीं हुई तो अधिकारियों पर चार्जशीट दायर की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा को लेकर भी हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने शपथ पत्र दाखिल कर जानकारी दी कि संबंधित मशीनें 17 मार्च 2025 तक भारत पहुंचेंगी। चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने नाइट लैंडिंग सुविधा के लिए एएआई द्वारा मांगे गए दो साल के समय पर नाराजगी जताते हुए इसे 2024-25 में ही लागू करने का निर्देश दिया था। एएआई ने बताया कि डीवीओआर मशीनें दक्षिण कोरिया से मंगाई जा रही हैं, जिनमें से पहली मशीन बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए प्राथमिकता से भेजी जाएगी। राज्य सरकार को समय रहते भवन निर्माण का कार्य पूरा करना होगा, ताकि मशीनों की इंस्टॉलेशन के बाद चार महीने के भीतर नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू की जा सके।
नाइट लैंडिंग सुविधा बिलासपुर के नागरिकों और व्यापारियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ व्यापार और पर्यटन को नई गति मिलने की उम्मीद है। कोर्ट के सख्त रुख और निर्देशों के बाद इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।