रायपुर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नियमों में कई बदलाव किए हैं, जिससे फंड निकासी की प्रक्रिया अब सरल हो गई है। यदि किसी कर्मचारी की नौकरी सेवानिवृत्ति से पहले ही चली जाती है, तो वह EPFO से अपनी जमा राशि का 75% एक महीने बाद निकाल सकता है। दो महीने तक बेरोजगारी की स्थिति में, वह पूरी राशि निकाल सकता है। अगर उसे नई नौकरी मिल जाती है, तो शेष फंड को नए ईपीएफओ खाते में ट्रांसफर किया जा सकता है।
फंड जमा और निकासी प्रक्रिया
नौकरीपेशा कर्मचारी अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा ईपीएफओ में जमा करता है, जो सेवानिवृत्ति के बाद मैच्योर होता है। शिक्षा, घर खरीदने या निर्माण, शादी, और चिकित्सा खर्चों जैसी ज़रूरतों के लिए आंशिक निकासी का प्रावधान है। सदस्य अब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिससे प्रक्रिया आसान और तेज हो गई है।
सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले 90% निकासी की सुविधा
EPFO के नए नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्ति से एक साल पहले कर्मचारी अपनी जमा राशि का 90% तक निकाल सकते हैं, बशर्ते उनकी उम्र कम से कम 54 वर्ष हो। यह प्रावधान उन कर्मचारियों के लिए मददगार है, जिन्हें रिटायरमेंट के करीब धन की आवश्यकता होती है।
टैक्स लाभ और टीडीएस
पांच साल तक EPF में योगदान करने पर, निकासी के समय टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। यदि निकासी 50,000 रुपये से अधिक है, तो टीडीएस काटा जाएगा। पैन कार्ड जमा होने पर 10% टीडीएस कटेगा, जबकि पैन कार्ड न होने पर यह दर 30% होगी।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
EPFO सदस्य अपनी राशि की निकासी के लिए EPFO पोर्टल या उमंग ऐप का उपयोग कर सकते हैं। नियोक्ता की मंजूरी के बाद राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है, और सदस्य अपने आवेदन का स्टेटस भी ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।