उधर, घटना के तीन घंटे के बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। घायलों में से सात लोगों को रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। वहीं रायपुर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती कराया गया है। बेमेतरा कलेक्टर ने बताया कि मौके पर एसडीएम पहुंचे हैं कुल कितने लोग घायल हुए हैं अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। उन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जहां पर ब्लास्ट हुआ है वहां पर 15 से 20 लोग काम करते हैं। कंपनी में बारूद का काम होता था। ब्लॉस्ट के बाद कर्मचारी बाहर की तरफ भागे। वहीं फैक्टरी का मलबा यानी सीमेंट के टुकड़े दूर तक गिरे हैं। कुछ लोग मलबा में दबे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य जारी है। गंभीर रूप से घायल सात लोगों को एंबुलेंस से रायपुर भेजा गया है। इनमें एक की मौत हो गई है। छह का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू कार्य जारी है। एसडीएम ने आधिकारिक तौर पर आठ लोगों के मौत की पुष्टि की है, रेस्क्यू पूरा होने के बाद ही बता पाएंगे कुल कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग घायल हुए हैं।
हादसे का कारण स्पष्ट नहीं- कलेक्टर
बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बताया कि हादसा का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। मौके पर एसडीआरएफ की टीम आ रही है। मलबे को हटाया जाएगा। फैक्टरी के मैनेजमेंट से चर्चा जारी है। फैक्टरी में काम करने वाले सभी मजदूरों की जानकारी मांगी गई है। उन्होंने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
भूपेश बघेल ने घटना पर उठाए सवाल
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेमेतरा जिले में बारूद फैक्टरी में हुए ब्लास्ट को लेकर सवाल उठाया है। पूर्व सीएम बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि बेमेतरा में बारूद फैक्टरी में हुए ब्लास्ट से 10-12 श्रमिकों के असामयिक निधन का दु:खद समाचार मिला। ईश्वर से मृतात्माओं को सद्गति देने एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। उन्होंने आगे लिखा कि सूचना है कि तीन घंटे तक बचाव दल नहीं पहुंचा। शासन, प्रशासन बचाव कार्य सुनिश्चित करें और पीड़ितों को उचित मुआवज़ा दें।
सीएम विष्णु देव साय ने घटना पर जताया दुख
घटना पर दुख जताते हुए सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि बेमेतरा जिले के बोरसी गांव के बारूद फैक्टरी में ब्लास्ट होने की दुःखद खबर आई है। घटना की जानकारी मिलते ही उच्चाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जिसकी सतत निगरानी की जा रही है।