दरअसल, बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सुकमा जिले में स्थित खूंखार नक्सली हिड़मा का गांव पूवर्ती सुरक्षा के लिहाज से अति संवेदनशील इलाका माना जाता है, जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा पूवर्ती बूथ को सिलगेर शिफ्ट कर कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे. बावजूद इसके लोग मतदान करने नहीं पहुंचे. बता दें कि विगत 3 दशक से इस गांव के लोग मतदान में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, क्योंकि नक्सली मतदान करने वाले ग्रामीणों की उंगली काट देते थे. हाल ही में इस क्षेत्र में सुरक्षाबल के जवानों ने कैंप खोला है. इलेक्शन कमीशन ने यहां के लोगों को मतदान करने के बाद हाथ में स्याही नहीं लगाने का निर्देश भी दिया है उसके बाद भी सुबह से अभी तक इस गांव के एक भी मतदाता ने मतदान नहीं किया है.
जानकारी के मुताबिक, हिड़मा के गांव पूवर्ती में 547 मतदाता है. आम दिनों में लोगों से गुलजार रहने वाले इस गांव में चुनाव के दिन पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. नक्सलियों ने यहां जगह-जगह पर चुनाव बहिष्कार के नारे लिखे पोस्टर्स लगाए हुए है.
सुकमा: नक्सलियों की धमकी से लोगों में दहशत: बस्तर के इस पोलिंग बूथ में है 547 मतदाता, लेकिन नहीं पड़ा एक भी वोट
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सुकमा। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कड़ी सुरक्षा के बीच देशभर की 102 सीटों पर मतदान जारी है. इनमे शामिल छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर भी लोग कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कर लोकतंत्र के इस महापर्व में भाग ले रहे है. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक बस्तर लोकसभा में अब तक 58.14 % मतदान हुआ है. वहीं, बस्तर का एक ऐसा मतदान केंद्र भी है जहां एक भी वोट नहीं पड़ा. इसकी हैरान कर देने वाली वजह भी सामने आई है.