भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की डॉ. भीमराव आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे संविधान और अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान बताते हुए अमित शाह से माफी की मांग की। इस पर सत्तापक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई, जिससे विपक्ष के सदस्य आसंदी के समक्ष नारेबाजी करने लगे। पहली बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री और सत्तापक्ष के सदस्य भी आसंदी के पास पहुंच गए।
दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी और बहस तेज हो गई, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में उन्होंने पूरे संवाद को कार्यवाही से विलोपित कर दिया।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि संसद में कही गई बातों का उल्लेख विधानसभा में नहीं किया जा सकता। नियमों के तहत सदन में ऐसी चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि संबंधित व्यक्ति यहां अपना पक्ष नहीं रख सकता। वहीं, कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा पर संविधान के अपमान का आरोप लगाते हुए हंगामा जारी रखा।
सत्तापक्ष ने कांग्रेस पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष से माफी की मांग की। बाद में कांग्रेस सदस्यों ने सदन के बाहर भी नारेबाजी की और अपने आरोप दोहराए।