भोपाल। कृषि आधारित राज्य मध्य प्रदेश के किसानों को मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार ने एक बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि प्रदेश के 35 लाख किसानों के ऊपर बकाया सिंचाई जल-कर का ब्याज और जुर्माना पूरी तरह माफ किया जाएगा। इस फैसले से लगभग 84 करोड़ रुपये का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
यह निर्णय उन किसानों के लिए है जिन्होंने जल कर की मूल राशि तो समय पर जमा की थी, लेकिन ब्याज या विलंब शुल्क के कारण उनका खाता बकाया चल रहा था। अब सरकार ने उस राशि को माफ करने का ऐलान किया है, जिससे लाखों छोटे व मध्यम वर्ग के किसान राहत महसूस करेंगे।
मुख्यमंत्री ने एक प्रेस बयान में कहा,
> “हमारी सरकार किसान-हितैषी है। किसान का बोझ कम करना हमारा कर्तव्य है। यह निर्णय कृषि उत्पादन को बढ़ावा देगा और आर्थिक मजबूती लाएगा।”
इस योजना के अंतर्गत किसान अपने स्थानीय कृषि कार्यालय या जिला पंचायत केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं। उन्हें सत्यापन के बाद माफ़ी से संबंधित प्रमाणपत्र या सूचना पोर्टल पर दी जाएगी।
राज्य के कृषि विशेषज्ञों और किसान संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे किसानों की आर्थिक निर्भरता कम होगी, और वे नई तकनीक, बेहतर बीज और खाद में निवेश कर सकेंगे।
यह कदम राज्य सरकार की किसान-नीति में एक सशक्त संकेत है कि भविष्य में भी ऐसी जनहितकारी योजनाएं लाई जाएंगी। किसानों के लिए यह सिर्फ एक राहत नहीं, बल्कि नई उम्मीद का बीज है।