भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से 5,000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने का फैसला किया है। यह कर्ज दो हिस्सों में लिया जाएगा। पहला कर्ज 2,500 करोड़ रुपये का है, जिसे 21 साल बाद चुकाया जाएगा, जबकि दूसरा कर्ज भी 2,500 करोड़ रुपये का है, जिसे 17 साल में चुकाया जाएगा। इन कर्जों के लिए सरकार गवर्नमेंट सिक्योरिटीज का इस्तेमाल करेगी और इस पर साल में दो बार ब्याज चुकाया जाएगा।
राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में अब तक 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। नए कर्ज के साथ यह आंकड़ा 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। राज्य पर कुल कर्ज अब चार लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसका मतलब है कि मध्य प्रदेश का हर नागरिक अब 50,000 रुपये से ज्यादा का कर्जदार हो गया है।
राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम के अनुसार, राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता है। इस वर्ष सरकार 65,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज लेने की अनुमति रखती है। हालांकि, सरकार का बड़ा हिस्सा मुफ्त योजनाओं और अन्य विकास कार्यों पर खर्च हो रहा है।
मध्य प्रदेश का कुल बजट 3.65 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन राज्य पर कर्ज इससे भी अधिक हो चुका है। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।