लखनऊ। देश में अग्निवीर स्कीम जैसे ही संविदा पर उप्र पुलिस में भर्ती से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद घमासान मचा हुआ है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। वहीं इस पत्र पर अपनी सफाई देते हुए पुलिस मुख्यालय ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं पारित नहीं हुआ है। मामले की गंभीरता देख जांच के आदेश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक पत्र बुधवार रात वायरल होने लगा जिसको बताया गया कि यह डीआईजी स्थापना की ओर से सभी शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है। इस पत्र में पुलिस में लिपिक संवर्ग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती को लेकर सुझाव मांगे गए थे। जब तक यह जानकारी बड़े अधिकारियों तक पहुँचती तब देर हो चुकी थी।
हंगामा बढ़ते देख डीजीपी मुख्यालय ने तुरंत अपनी सफाई देते हुए कहा कि यह पत्र विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर रखे जाने की व्यवस्था के बारे में है। लेकिन गलती से इसमें लिपिक संवर्ग पर भर्ती का जारी हो गया। तत्काल प्रभाव से इस पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
पत्र को देखते ही अखिलेश यादव और कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने सरकार को आड़े हाथों लिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने अग्निवीर के माध्यम से सेना में युवकों का भविष्य बर्बाद ही कर दिया अब उसकी नजर पुलिस विभाग पर है। ठेके पर पुलिस की जवाबदेही किसी की नहीं होगी। न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा।
वहीं प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि अग्निपथ स्कीम लाकर हमारी सेना और युवाओं दोनों का भविष्य कमजोर किया है। अब यूपी पुलिस में यही खेल करने का प्रयास चल रहा है।