भोपाल । प्रदेश के रीवा में रविवार शाम सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय दो सफाई मित्रों की मृत्यु के बाद राज्य सरकार जागी है और नगर निगम आयुक्तों और निकाय सीएमओ को निर्देश दिए गए है कि सफाई कर्मी की जगह केवल मशीनों से ही सीवर टैंक की सफाई की जाएगी। मामले को नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गंभीरता से लेते हुए इस संबंध में आदेश दिया है। आदेश के परिपालन में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त भरत यादव ने रीवा नगर निगम आयुक्त को बताया कि मृतकों के परिजनों को तत्काल 30-30 लाख रुपये क्षतिपूर्ति राशि देने के निर्देश दिए हैं। वहीं सभी निकायों को सख्त हिदायत दी है कि हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 का पालन कराया जाए और यह सुनिश्चित हो कि नगरीय क्षेत्रों में सीवर टैंक की सफाई मशीन द्वारा ही की जाए।
प्रत्येक जिला स्तरीय नगरीय निकायों में गठित ईआरएसयू (एमरजेंसी रिस्पांस सेनिटेशन यूनिट) यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ प्रशिक्षित सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स की टीम नियुक्त की गई है, साथ ही सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स के लिए सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध है। सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स द्वारा सफाई के लिए अनुमति तब ही दी जाए, जब मशीन द्वारा सफाई संभव न हो। यदि किसी भी निकायों में निजी सेवा प्रदाताओं द्वारा सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स की सेवा ली जाती है तो उन्हें लिखित मे ईआरएसयू से अनुमति प्राप्त करनी होगी और सुरक्षा उपकरण लेना आवश्यक होगा। सफाई के दौरान भारत सरकार की एडवायजरी के नियमों का गंभीरता से हो पालन आयुक्त भरत यादव ने निर्देश दिए है कि सफाई के दौरान भारत सरकार द्वारा जारी एडवायजरी के नियमों का गंभीरता से पालन किया जाए।
इसी तारतम्य में स्वच्छ भारत मिशन शहरी के मिशन संचालक अक्षय तेम्रवाल ने समस्त निकायों के प्रमुखों को निर्देश दिए है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार सफाई मित्रों की सीवर लाइन या सीवर टैंक की सफाई के दौरान मृत्यु होने पर 30 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि दी जाए। शारीरिक दिव्यांगता होने की स्थिति में राशि में 20 लाख रुपये की प्रदान किए जाए।