लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाल ही में चल रहे “पोस्टर वार” ने माहौल को गर्मा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान “बटेंगे तो कटेंगे” के बाद समाजवादी पार्टी ने इसके जवाब में लखनऊ में पोस्टर लगाते हुए “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” का नारा दिया है। यह नारा समाजवादी पार्टी के एकजुटता और सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने का प्रयास है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस नारे को लेकर सोशल मीडिया पर भाजपा पर निशाना साधते हुए इसे “नकारात्मक” और “निराशा-नाकामी का प्रतीक” करार दिया है। अखिलेश का कहना है कि इस नारे से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा को अपने समर्थकों का भी भरोसा नहीं है और वे डर का सहारा लेकर अपने बचे हुए समर्थकों को संगठित करने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह डर समाज में असुरक्षा का माहौल बना रहा है, जबकि एक आदर्श राज्य में विश्वास और अभय का माहौल होना चाहिए, भय का नहीं।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि इस तरह के नकारात्मक नारे भाजपा के लिए राजनीतिक पतन का कारण बन सकते हैं और यह इतिहास में “निकृष्टतम-नारे” के रूप में दर्ज होगा। उन्होंने भाजपा को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और अपने सलाहकारों को बदलने की सलाह दी है, ताकि राज्य में भय का नहीं बल्कि अच्छे विचारों का माहौल बनाया जा सके।
इस राजनीतिक वाकयुद्ध से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में आगामी चुनावों के मद्देनजर पार्टियां न केवल नारेबाजी बल्कि एक-दूसरे की रणनीतियों पर तीखे शब्दबाण चला रही हैं। यह पोस्टर वार इस बात का भी संकेत है कि दोनों प्रमुख पार्टियां अपने समर्थकों को एकजुट रखने और नए समर्थकों को आकर्षित करने के लिए किसी भी तरह की कोशिश से पीछे नहीं हटेंगी।