लखनऊ। अयोध्या रेप केस मामले में अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती आमने सामने हैं। अखिलेश यादव का कहना है कि किसी के ऊपर आरोप सिद्ध करने के लिए पहले उसका डीएनए टेस्ट होना चाहिए और इंसाफ किया जाना चाहिए। जबकि वहीं मायावती ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा सरकार में कितनों के डीएनए टेस्ट हुए हैं?
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने कहा कि इंसाफ के लिए सही जांच जरुरी है इसलिए डीएनए टेस्ट कराना चाहिए। उन्होंने कहा ऐसे केस में सिर्फ आरोप लगाकर सियासत करना गलत है। जो भी दोषी हो उसे कानून के मुताबिक सजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा अगर टेस्ट के बाद आरोप झूठे निकलते हैं तो दोषियों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करें।
समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि पीड़िता को तुरंत 20 लाख रुपए आर्थिक मदद करनी चाहिए। सरकार पीड़िता की मदद करने की बजाये सपा की छवि खराब करने में लगी है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कर उनका हाल पूछा। साथ ही उन्होंने सरकार से सही जांच कर दोषियों को पर कारवाई की भी मांग की।
सपा प्रमुख के पोस्ट मायावती का कहना है कि गैंग रेप आरोपी के प्रति यूपी सरकार जो कार्रवाई कर रही वो उचित है। लेकिन सपा जो कह रही कि आरोपी का DNA टेस्ट हो, इसे क्या समझा जाए। जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने DNA टेस्ट हुए हैं?