बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं की एक अदालत ने गर्भवती पत्नी के साथ क्रूरता की सभी हदें पार करने वाले आरोपी पति पन्नालाल को उम्र कैद की सजा एवं ₹50000 के अर्थ दंड से दंडित किया है। अर्थ दंड जमा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है। यह मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं का है। जहां आरोपी पन्नालाल ने अपनी पत्नी का पेट हसिया से इसलिए चीर दिया था कि वह जान सके कि पत्नी के गर्भ में बेटा है या बेटी। बेटा-बेटी के इस भेदभाव के बीच आरोपी ने पत्नी के साथ क्रूरता की और उसकी पेट की सभी आते बाहर आ गईं, इतना ही नहीं गर्भ में पल रहा बच्चा भी बाहर निकल गया। इस मामले में अब बदायूं की अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है।
बेटी के बयान ने दिलाई सजा
जानकारी के तहत पत्नी के साथ कू्ररता करने वाले आरोपी पति पन्नालाल को यह सजा उनकी ही बेटी की गवाही पर अदालत ने सुनाई है। खबरों के तहत बेटी ने अदालत को बताया कि पापा पन्नालाल मम्मी से कहते थे कि इस बार तेरा पेट फाड़ कर देखूंगा कि तेरे पेट में लड़का है या लड़की।
पांच बेटियों का है परिवार
पति की क्रूरता से तंग पत्नी अनीता अब पति से अलग रहते हुए एक दुकान चलती है और वह अपने पांचो बेटियों का लालन-पालन कर रही है। अनीता का कहना था कि पन्नालाल से वह रिश्ता खत्म कर लिया, क्योकि उसकी क्रूरता से वह परेशान हो गई थी। अनीता का कहना था कि वह पति को सजा दिलाने के लिए ठानी थी और 4 साल के इंतजार के बाद आखिरकार उसे न्याय मिला है। बेटे की चाहत में पन्नालाल को सलाखों में पहुंचा दिया। उसकी पत्नी अनीता का कहना था पति अगर संयम रखता तो वह बेटे का पिता होता है।