नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाये जाने को लेकर आई सनसनीखेज रिपोर्ट ने हंगामा मचा दिया है। इस प्रसाद की जांच की गई जिसकी रिपोर्ट में साफ पता चलता है कि देशी घी की जगह मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाकर बनाया जाता है। इस रिपोर्ट के उजागर होने के बाद पूरे देश के संतों ने अपनी नाराज़गी जाहिर की और मंदिर ट्रस्ट को भंग करने की मांग की है।
आपको बता दें की मामला तब सामने आया जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि जब राज्य में पिछली सरकार थी तब तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल से बनाया जा रहा था। जून में नायडू की सरकार बनने के बाद जुलाई में मंदिर बोर्ड ने 9 जुलाई को घी का सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब भेजा और इसकी रिपोर्ट 16 जुलाई आई।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसाद बनाने वाली एक फर्म के घी में मिलावट थी। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डुओं बनाए जा रहे हैं।
उसके बाद दोबारा मंदिर ट्रस्ट ने 23 जुलाई को घी के सैंपल लिए और जांच के लिए लैब भेजे। जिसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को आई। इस रिपोर्ट के बाद मौजूदा सीएम नायडू ने तत्कालीन सीएम जगन रेड्डी पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि यह हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ हैं। मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है और लोगों की आस्था से भी बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ। मेरी सरकार आने के बाद इस पर रोक लगाई गई है. जो अभी रिपोर्ट सामने आई है, वो जुलाई की है।