नई दिल्ली। असम सरकार ने ऐलान किया है कि वह जल्द ही एक श्वेत पत्र जारी कर बताएगी कि कैसे राज्य में कैसे मुसलमान बढ़ते चले गए और हिंदू घट गए। बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस श्वेत पत्र के जरिए असम के लोगों को पता चलेगा कि कैसे जनसंख्या में असंतुलन पैदा हुआ है। उन्होंने कि इससे यह भी पता चेलगा कि कैसे हिंदू बहुसंख्यक इलाकों में मुस्लिमों की संख्या बढ़ती चली गई। लेकिन जहां स्थिति इसके उलट है, वहां ऐसा नहीं है।
वहीं मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को अपने विधानसभा में विधायकों से अपील की थी कि वे यह तय करेंगे कि किसी भी इलाके में लोगों का पलायन न हो। उन्होंने कहा कि हम अपने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति बनाना चाहते हैं। यह श्वेत पत्र कई दिलचस्प चीजें बताएगा। आप इस श्वेत पत्र के जरिए जानेगें कि कैसे चीजें असामान्य रूप से बदल रही हैं। राज्य में कुल 28000 पोलिंग बूथ हैं और 19000 में जनसंख्या का असंतुलन हो गया है। हम श्वेत पत्र तैयार कर रहे हैं और इसे अप्रैल-मई तक जारी कर देंगे। सरमा ने कहा कि कांग्रेस को भी इस मसले पर साथ आना चाहिए क्योंकि यह राजनीति की बात नहीं है।
सरमा ने कहा कि किसी को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है जो जहाँ है शांति बनाए रखे। हमने समान नागरिक संहिता के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। हम महिलाओं को सशक्त करेंगे। बाल विवाह रोकने का काम करेगे। हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं।
दो बिल पास कराने की तैयारी में सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा बताया कि हमारी सरकार राज्य में संस्कृति के संरक्षण के लिए कदम उठा रही है। इन पांच सालों को संस्कृति को बचाने के प्रयास के तौर पर याद किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम शादियों और तलाक के रजिस्ट्रेशन का बिल विधानसभा में है। इसके अलावा अंतर्धार्मिक विवाहों पर रोक वाला बिल भी आना है। उन्होंने कहा कि अपनी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने तक मैं अपने सारे बिल लागू करा दूंगा।