नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड के अधिकारों को सीमित करने और उस पर नियंत्रण लगाने के लिए केंद्र सरकार उसके अधिनियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव संसद में पेश कर सकती है। सरकार के इस कदम को लेकर अभी से राजनीति शुरू हो गई है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी हमेशा से ही वक्फ बोर्ड के खिलाफ रही है अब उसके अधिकारों को छिनना चाहती है।
असदुद्दीन ओवैसी ने साधा निशाना
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी की हुकुमत वक्फ बोर्ड के अधिकार को छीनना चाहती है। वह वक्फ बोर्ड को पूरी तरह खत्म करना चाहती है। सरकार को यह जानकारी सबसे पहले संसद में पेश करनी चाहिए थी। लेकिन उसने इसे खुद ही मीडिया में लीक कर दिया। बीजेपी अगर वक्फ बोर्ड की सर्वे करायेगी तो उसका नतीजा क्या होगा।
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली भी बोले
सरकार द्वारा किये जाने वाले वक्फ अधिनियम में संशोधन का बिल को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि वक्फ के लिए हमारे बुजुर्गों ने प्रॉपर्टी दान की है। इस्लामिक कानून के मुताबिक, वक्फ को जो जमीन दान में मिली है उसे बेचा नहीं जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है। भारत में 60 फीसदी वक्फ की प्रॉपर्टी में मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान आते हैं।
आगे उन्होंने बताया कि वक्फ अधिनियम 1995 जिसे 2013 में संशोधित किया गया। इसी नियम के तहत आज वक्फ का काम चलता है। सरकार जो बिल ला रही है उसकी कोई आवश्यकता नहीं है। और अगर ऐसा करना भी है तो एक बार राय अवश्य ले लेना चाहिए।