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इंदौर: हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 12 वर्ष पुरानी स्कूल बसों पर रोक

By Harshit Shukla

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भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बस हादसे से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि 12 वर्ष से अधिक पुरानी स्कूल बसें अब सड़कों पर नहीं चलेंगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में स्कूल बसों के लिए अलग गाइडलाइन नहीं होने के कारण कोर्ट ने खुद 22 बिंदुओं की गाइडलाइन तैयार की है। इनका पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है।

कोर्ट ने हादसे के मद्देनजर सुरक्षा उपायों पर जोर दिया। स्कूल बसें पीले रंग की होंगी और उन पर “स्कूल बस” या “ऑन स्कूल ड्यूटी” लिखा होगा। बसों के बाहर स्कूल वाहन प्रभारी का नाम, पता और संपर्क नंबर अंकित होगा। खिड़कियों पर रंगीन फिल्म लगाने की मनाही होगी। हर बस में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र और आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित परिचारक अनिवार्य होगा।

ड्राइवर के लिए स्थायी लाइसेंस और पांच वर्ष का अनुभव जरूरी होगा। शराब पीकर वाहन चलाने या सिग्नल जंप करने का रिकॉर्ड रखने वाले ड्राइवरों पर प्रतिबंध रहेगा। प्रत्येक बस में जीपीएस ट्रैकिंग, सीसीटीवी कैमरा और सीट के नीचे बैग रखने की सुविधा होगी।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन दरवाजा, स्पीड गवर्नर और प्रेशर हार्न हटाने जैसे निर्देश भी दिए गए हैं। रात में बसों के अंदर नीले बल्ब लगाने होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि छात्रों को ले जाने वाले ऑटो में चालक सहित चार से अधिक लोग नहीं बैठ सकते।

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