रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के कोहकामेटा थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के दो जवान घायल हो गए। यह घटना कच्चापाल कैंप से तीन किलोमीटर दूर हुई, जब डीआरजी और बीएसएफ के जवान सर्चिंग ऑपरेशन पर निकले थे। घायल जवानों, आरक्षक जनक पटेल और घासीराम मांझी को तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद नारायणपुर जिला अस्पताल ले जाया गया। स्थिति स्थिर रहने के कारण उन्हें रायपुर रेफर किया गया, जहां एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र के कोसलनार जंगलों में भी एक दर्दनाक घटना सामने आई है। नक्सलियों द्वारा बिछाए गए प्रेशर आईईडी की चपेट में आकर एक मादा भालू की मौत हो गई। भूख और देखभाल के अभाव में उसके दो शावकों ने भी दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने मादा भालू और उसके बच्चों के शव देखकर गहरा दुख व्यक्त किया।
पुलिस ने बताया कि नक्सलियों द्वारा जवानों को निशाना बनाने के लिए इन विस्फोटकों को लगाया गया था, लेकिन इसका शिकार निर्दोष वन्यजीव और ग्रामीण भी हो रहे हैं। कोसलनार के जंगलों में पहले भी एक स्थानीय युवक की इसी तरह आईईडी विस्फोट में मौत हो चुकी है।
इन घटनाओं से न केवल सुरक्षा बलों को खतरा है, बल्कि जंगलों के वन्यजीवों और स्थानीय ग्रामीणों की भी जान जा रही है। नक्सली गतिविधियों के कारण न केवल सुरक्षा बलों की चुनौतियां बढ़ी हैं, बल्कि प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी नुकसान हो रहा है। प्रशासन ने इन घटनाओं की जांच तेज करने और नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है।