रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दौरे से राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। जनसभा के दौरान उन्होंने भाजपा और केंद्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला बोलते हुए पूछा कि “छत्तीसगढ़ न अमित शाह का घर है, न ससुराल — फिर वे बार-बार क्यों आ रहे हैं?” खरगे ने आरोप लगाया कि राज्य के खनिज संसाधनों को निजी उद्योगपतियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है।
खरगे ने कहा कि यदि कांग्रेस को कुछ और सीटें मिलतीं, तो प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात लौटने के लिए मजबूर कर देते। उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और संघ द्वारा संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ करने के आरोप भी लगाए।
इसी बीच कांग्रेस नेता अमरजीत भगत द्वारा खरगे की तुलना डॉ. भीमराव अंबेडकर से करने पर विवाद और गहराया। भगत ने कहा था कि “खरगे बाबा साहब के जैसे हैं और संकट में राज्य को दिशा दिखा सकते हैं।” भाजपा विधायक गुरु खुशवंत ने इसे अंबेडकर का अपमान बताया और कांग्रेस पर चापलूसी और व्यक्ति पूजा का आरोप लगाया।
वन मंत्री केदार कश्यप ने भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है, जबकि भाजपा सरकार ने 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी सुनिश्चित की है। उन्होंने कांग्रेस पर सेना के शौर्य पर सवाल उठाने और माओवादियों के प्रति नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
साफ है कि खरगे के दौरे के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है और भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने हैं।