
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान नक्सल उन्मूलन अभियान की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरुण देव गौतम सहित सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति का मूल्यांकन और नक्सल उन्मूलन को लेकर भविष्य की रणनीति तय करना था।
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में वर्ष 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से नक्सलमुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और पूरे राज्य के भविष्य को सुरक्षित करने का एक संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों की बहादुरी और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों से कई नक्सल प्रभावित क्षेत्र अब सुरक्षित हो चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नक्सल विरोधी अभियानों में समन्वय और सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत बनाया जाए। साथ ही, स्थानीय समुदायों के साथ संवाद बढ़ाकर उनका विश्वास जीतने पर बल दिया।
साय ने बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे अति संवेदनशील जिलों में सुरक्षा के साथ-साथ विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे मूलभूत क्षेत्रों में सुधार लाने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर है और आने वाले समय में यह प्रदेश नक्सलमुक्त और विकासोन्मुख राज्य के रूप में देश में नई पहचान बनाएगा।