पन्ना। बुंदेलखंड के सबसे पिछडे जिले की श्रेणी में आने वाले पन्ना में ग्रामीणों ने एक अनोखा कारनामा करके दिखाया है। जब अधिकारी और कर्मचारियों ने उनकी नहीं सुनी तो ग्रामवासी खुद ही मांझी बन गए और आपस में चंदा कर खुद मेहनत मजदूरी कर सड़क बनवा डाली। मामला पन्ना जिले के गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत सुरदहा का है। जहां सुरदहा से कचनार गांव तक पक्की सड़क नहीं थी। लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही थी, बारिश के मौसम में लोगों के आकस्मिक बीमार होने पर अस्पताल पहुंचना बड़ी चुनौती रहती थी। रास्ता नहीं होने से गांव तक 108 एंबुलेंस सहित अन्य वाहन नहीं आ पा रहे थे। इस तरह की समस्या के चलते ग्राम वासियों को बीमार मरीजों को खाट पर ले जाना पड़ता था।
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से बार-बार निवेदन कर निराश हुए ग्रामवासी
ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी-जनप्रतिनिधियों सभी से उन्होंने पक्की सड़क बनवाने का अनुरोध किया। लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। इधर अधिकारी और जनप्रतिनिधी ग्राम वासियों की सुन नहीं रहे थे। तो उनकी तकलीफ लगातार बढ़ती जा रही थी। जिस वजह से ग्रामवासियों ने चंदा कर मार्ग की मरम्मत कराई और अब खुद ही दशरथ मांझी बनकर मुरम डलवा कर सड़क बना रहे हैं। ग्राम वासियों का कहना है कि गांव तक पक्की सड़क नहीं होने से आवाजाही में परेशानी हो रही थी। कई बार इसे लेकर आवेदन भी दिया, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही थी। मिट्टी और फिसलन की वजह से रोजाना हादसे हो रही थे, बच्चे और बुजुर्ग गिर कर चोटिल हो रहे थे। स्कूल आने-जाने में भी बच्चों को खासी परेशानी हो रही थी। कीचड़ की वजह से बच्चों की ड्रेस भी खराब हो जाती थी। मार्ग की बदहाली से बच्चों को हो रही तकलीफ ग्राम वासियों से देखी नहीं गई। ग्रामीणों ने बताया कि परेशान होकर आवेदन निवेदन नहीं करने का सामूहिक निर्णय लिया गया। साथ ही मार्ग की खुद ही मरम्मत करना भी शुरू कर दिया। सड़क की मरम्मत शुरू होने के बाद गांव में रहने वाले लोग खुद से आगे आने लगे और मुर्मीकारण का काम शुरू किया गया।
पहली बार में 25 हजार रुपए ग्रामीणों ने चंदा कर किए एकत्र
ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार में गांव में करीब 25 हजार रुपए चंदा इकट्ठा किया गया। पूरा पैसा मुर्मी कारण में खर्च किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पांच लोगों की कमेटी बनाई गई है। सड़क निर्माण के लिए जुटाई गई राशि, समिति द्वारा खर्च की जा रही है। खर्चे में पूरी तरह से प्रदर्शित बरती जा रही है। कोई किसी भी समय की गई राशि का लेखा-जोखा देख सकता है। इसमें लोगों में विश्वास बढ़ रहा है और खुलकर लोग मदद के लिए आ रहे हैं। ग्राम वासियों की इस अनोखी पहल की पूरे जिले में जमकर सराहना हो रही है।