रीवा। आखिर कांग्रेस की हालत दिनोंदिन इतनी कमजोर क्यों होती जा रही है। कांग्रेसी ही सबसे अधिक क्यों भाग रहे हैं। रीवा जिले में शायद पार्टी छोडऩे का बड़ा रिकार्ड बन रहा है। जिस तरह से भाजपा ने दावा किया गया था कि रीवा जिले में एक हजार से अधिक नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। तो इस आधार पर माना जा सकता है कि अब कांग्रेस की हालत न केवल बद से बदतर होती जा रही है वहीं स्थिति दयनीय भी दिखाई दे रही है।
फिर भी मार रहे हवा में तीर
यह भी सही है कि कांग्रेस प्रत्याशी एवं उनके विधायक पति सहित उनके कुछ समर्थक समूचे संसदीय क्षेत्र में भटक रहे हैं। चूंकि धनबल की ताकत उनके पास पहले से ही है और उसी के दम पर वे चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में समझा जा सकता है कि धनबल के प्रयोग से वे विपरीत दिशा में बह रही हवा को कितना बदल सकते हैं। फिर भी हवा में तीर चलाये जा रहे हैं। जनता को वे कितना गुमराह कर सकते हैं यह तो समय ही बतायेगा। किन्तु फिलहाल डगर काफी कठिन दिखाई दे रही है।
विधानसभा से चल रही भगदड़
उल्लेखनीय है कि कांग्रेसियों में भगदड़ एवं विरोध विधानसभा के समय से ही चल रहा है। जब सेमरिया विधायक अभय मिश्रा को कांग्रेस से टिकिट दे दिया गया था। जबकि उसके पहले वे कांग्रेस को छोड़ चुके थे। किन्तु जब उन्हें भाजपा से टिकिट मिलना नामुमकिन हो गया तो वो फिर से कांग्रेस में वापस लौट आये। इस स्थिति में दलबदलू नेता का आरोप लगा कर सेमरिया क्षेत्र के कई दिग्गज नेता एवं टिकिट चाहने वाले लोग विरोध में आ गये। यहां तक कि पार्टी को भी लिखा गया था और आरोप लगाया था कि कई करोड़ के सेमरिया की टिकिट बिक्री कर दी गई। किन्तु गनीमत रही कि सेमरिया से कांग्रेस किसी तरह से जीत गई और अभय मिश्रा विधायक बन गये।
अब पत्नी को दिया लोकसभा का टिकिट
समूचे लोकसभा क्षेत्र में एक भी ऐसा अच्छा कांग्रेस प्रत्याशी नहीं मिला जिसे कांग्रेस से टिकिट दिया जा सके। इस बार भी सेमरिया विधायक अभय मिश्रा की पत्नी श्रीमती नीलम मिश्रा को लोकसभा का टिकिट दे दिया गया। जबकि कांग्रेस को यदि महिला को ही टिकिट देना था तो सबसे बेहतर उ मीदवार के रूप में श्रीमती कविता पाण्डेय हो सकती थी। जिन्हें विधानसभा के समय पर भी टिकिट नहीं दी गई थी। श्रीमती कविता पाण्डेय न केवल जिला व संभाग भर में कांग्रेस में सक्रियता से काम करती रही अपितु प्रदेश भर में उनकी एक संघर्षशील महिला नेत्री के रूप में छवि है। किन्तु ऐसे जमीनी नेता को दरकिनार कर श्रीमती नीलम मिश्रा को इसलिये टिकिट दे दिया गया कि वे सेमरिया विधायक अभय मिश्रा की पत्नी हैं और उनके पास अकूत धन संपदा है। वे पार्टी को भी चंदा दे सकते हैं और चुनाव प्रचार में भी पानी की तरह पैसा बहा सकते हैं। हालांकि ये चुनाव का तरीका नहीं है। यही कारण है कि रीवा जिले में कांग्रेस प्रत्याशी का जमकर विरोध हो रहा है और पार्टी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी आंधी की तरह पार्टी छोड़कर भाग रहे हैं।