रायपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुए बड़े शराब घोटाले की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। ईओडब्ल्यू और एसीबी ने विशेष अदालत में चौथा चालान पेश किया है, जो 2,100 पन्नों का है। इसमें बताया गया है कि 29 आबकारी अधिकारियों ने लगभग 2,174 करोड़ रुपये की बिना ड्यूटी पेड शराब बेची, जिससे राज्य को भारी राजस्व नुकसान हुआ।
इन अधिकारियों ने शराब को बिना इनवॉइस और नकली होलोग्राम के जरिए 15 जिलों में बेचा और 1 से 11 करोड़ रुपये तक की अवैध कमाई की। इस घोटाले का मास्टरमाइंड पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर और तत्कालीन आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी को बताया गया है। इनके निर्देश पर जनार्दन कौरव और नितिन खंडूजा जैसे अधिकारी जिलों में बी-पार्ट शराब के वितरण और बिक्री का पूरा संचालन करते थे।
बी-पार्ट शराब वह होती थी जिसकी बिक्री होती थी लेकिन उसका कोई वैध दस्तावेज नहीं होता था। यह शराब नकली होलोग्राम के साथ सप्लाई की जाती थी और इसका राजस्व सरकार तक नहीं पहुंचता था।
चालान में दुर्ग के एक बड़े नेता को हर महीने 10 करोड़ रुपये दिए जाने की बात भी सामने आई है। आरोपी अधिकारियों के पास बेनामी संपत्ति, गहने और आलीशान बंगले पाए गए हैं जिन्हें जल्द जब्त किया जा सकता है। सहायक जिला आबकारी अधिकारी इकबाल खान और जनार्दन कौरव की इस अवैध नेटवर्क में बड़ी भूमिका बताई गई है।