भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर विपक्ष के विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्यों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायकों ने विरोधस्वरूप फैसला किया है कि वे अपना वेतन नहीं लेंगे। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस निर्णय की जानकारी सदन को दी और इसे सदन में प्रस्तुत किया।
सिंघार ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्षी विधायकों के क्षेत्रों को सड़क, स्कूल भवन, सामुदायिक भवन और अन्य विकास कार्यों के लिए राशि आवंटित नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में 15-15 करोड़ रुपये के कार्य कराए जा रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायकों द्वारा दिए गए प्रस्तावों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
कांग्रेस विधायकों का कहना है कि इस भेदभाव के कारण उनके क्षेत्रों में जनहित के कार्य बाधित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि उनके वेतन की राशि को राज्य कोष में जमा करके उनके क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए उपयोग किया जाए।
मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 64 विधायकों की कुल मासिक सैलरी लगभग 70.40 लाख रुपये है। कांग्रेस ने इस कदम को जनता के हित में एक संदेश बताया है और भाजपा सरकार से विकास कार्यों में भेदभाव समाप्त करने की अपील की है। इस निर्णय को राज्य की राजनीति में एक अनूठा विरोध माना जा रहा है।