नई दिल्ली। दीपावली भारत का एक महत्वपूर्ण और उल्लासपूर्ण त्योहार है, जो हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों और रंगोली से सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, परिवार के साथ समय बिताते हैं और मिठाइयां बांटते हैं, जिससे चारों ओर खुशी और उमंग का माहौल बनता है। दीपावली पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए की जाती है। घर में विशेष पकवान जैसे मिठाइयां, नमकीन और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि इस बार 31 अक्टूबर को दोपहर 03:52 बजे से शुरू होगी और 01 नवंबर को शाम 06:16 बजे समाप्त होगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस साल दीवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और लक्ष्मी पूजा का शुभ समय इसी दिन शाम 05:36 बजे से रात 08:51 बजे तक रहेगा।
दीवाली पूजा विधि
दीवाली पर लक्ष्मी पूजा की तैयारी शुभ मुहूर्त से पहले ही कर लेनी चाहिए। पूजा स्थल को स्वच्छ करें और एक चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं, उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। पूजा में शुद्ध जल, अबीर, गुलाल, फूल, नारियल, धूप, और घी का दीपक शामिल करें। भोग में सफेद मिठाई, पंचामृत, गन्ना, केला, सेब और अमरूद का अर्पण करें। आरती के लिए एक अलग थाली में घी का दीपक और कपूर रखें।
परिवार के सभी सदस्य पहले गणेश जी और फिर लक्ष्मी जी की आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें। पूजा में गहनों और रत्नों को शामिल करके उन्हें दूध से शुद्ध करके कुमकुम और अक्षत लगाएं। पूजा के लिए मिट्टी के दीपक, कलश, शंख, और फूल एकत्रित करें ताकि विधि पूर्ण हो सके।
दीवाली मनाने के तरीके
- व्यंजन: खास मिठाइयां, नमकीन और अन्य व्यंजन बनाकर परिवार के साथ भोजन का आनंद लें।
- दीप जलाना: घर के हर कोने में दीप जलाएं और मिट्टी के दीये का उपयोग करें, जो पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
- पटाखों का कम उपयोग: पारंपरिक रूप से पटाखे जलाने का आनंद लिया जा सकता है, लेकिन इसका सीमित उपयोग करें ताकि प्रदूषण को नियंत्रित रखा जा सके।
दीपावली मनाने के ये सभी तरीके मिलकर त्यौहार को खुशनुमा और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाते हैं, जिससे यह त्योहार और भी खास हो जाता है।