पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक समय तक जीवित रहती हैं. महिलाओं के लिए औसत जीवन प्रत्याशा 73.8 वर्ष थी, जबकि पुरुषों के लिए 68.4 वर्ष थी. जापान के शहर ओसाका में स्थित विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि महिलाओं के अंडाणु और पुरुषों के शुक्राणुओं में विकसित होने वाली कोशिकाएं यह बता सकती हैं कि वे कितना अधिक तक जीवित रह सकते हैं. यह अध्ययन फिरोजा किलिफिश नामक मछ्ली पर किया गया क्योंकि शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया मनुष्यों के समान होती है. आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं.
महिलाओं के पुरुषों से अधिक जीवित रहने का कारण
अध्ययन के मुताबिक, विश्व स्तर पर महिलाएं पुरुषों की तुलना में लगभग 5 प्रतिशत अधिक समय तक जीवित रहती हैं. इसका कारण है कि वह स्वस्थ जीवनशैली अपनाती हैं, जबकि पुरुष खुद पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. यह प्रवृत्ति मादा और नर बंदरों के बीच भी देखी गई है.अध्ययन के वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर तोहरू इशितानी का कहना है कि मनुष्यों के लिए जीवन प्रत्याशा अंतर हर देश के हिसाब से भिन्न होता है. अध्ययन के मुख्य लेखक कोटा अबे बताते हैं कि शोधकर्ताओं को मादा फिरोजा किलिफिश से अंडाणु की कोशिकाएं और नर मछली से शुक्राणु की कोशिकाएं हटाने के बाद मादा मछली का जीवनकाल लंबा और नर मछली का जीवनकाल छोटा हो गया. उन्होंने आगे कहा, “इस अध्ययन से हम यह समझना चाहते थे कि प्रजनन कोशिकाएं पुरुषों और महिलाओं को इतने अलग-अलग तरीके से कैसे प्रभावित कर सकती हैं.
शरीर में विटामिन-D की होती है अहम भूमिका
शोधकर्ताओं ने पाया कि शुक्राणुओं और अंडे के उत्पादन को रोकने से किलिफिश पर काफी प्रभाव पड़ा. जहां मादा मछली में इसके हार्मोंनल परिवर्तन में असंतुलन होने से एस्ट्रोजेन में कमी हुई और हृदय रोग का खतरा बढ़ा, वहीं नर मछली के लीवर में अधिक विटामिन-D का उत्पादन हुआ. तोहरू की टीम ने यह भी पता लगाया कि विटामिन-D सप्लीमेंट्स लेने से नर मछली का जीवनकाल 21 प्रतिशत तक बढ़ गया और मादा मछली में 7 प्रतिशत तक.
पूरे शरीर को कई लाभ प्रदान कर सकता है विटामिन-D
तोहरू ने कहा कि जब उन्होंने मछलियों को विटामिन-D दिया तो उन्होंने पाया कि नर और मादा दोनों का जीवनकाल काफी बढ़ गया था, जिससे पता चलता है कि विटामिन-D पूरे शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है. उन्होंने कहा कि रोगाणु कोशिकाएं पुरुषों और महिलाओं में दीर्घायु को अलग-अलग तरीके से प्रभावित कर सकती हैं, जिसमें प्रजनन और उम्र बढ़ने के बीच संबंधों को जानने में मदद कर सकती है.