बस्ती/श्रावस्ती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बस्ती और श्रावस्ती में चुनावी रैली को संबोधित किया। श्रावस्ती में पीएम ने कहा- मैं गरीब मां का बेटा हूं। किसी शाही खानदान से नहीं हूं। मुझे किसी के लिए कुछ कमाना नहीं है। सपा और कांग्रेस वाले आपके घर से पानी की टोंटी खोलकर ले जाएंगे। इसमें इनकी महारत है। मोदी ने कहा- कल मैं एक वीडियो देख रहा था, जिसमें लोग भाग-भाग कर मंच पर चढ़ रहे थे। मैंने पूछा- ये हुड़दंग क्यों चल रहा है? तो बताया गया-सपा कांग्रेस वाले रैली में लोगों को लाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट देते हैं, प्रति व्यक्ति पैसे देते हैं, लेकिन इन्होंने पैसा दिया नहीं, तो लोग भागकर मंच पर चढ़ गए। बस्ती में पीएम ने कहा- अब पाकिस्तान पस्त पड़ चुका है, लेकिन उसके हमदर्द सपा-कांग्रेस वाले भारत को डराने में जुटे हैं। ये हमें डराते हैं। इनको मालूम नहीं है कि 56 इंच क्या होता है। उन्होंने कहा- मैडम सोनिया ने अपने अध्यक्ष सीताराम केसरी को बाथरूम में बंद करवा दिया। फिर उठवाकर फुटपाथ पर फेंकवा दिया और रातोंरात खुद अध्यक्ष बन गईं। पीएम ने कहा- सपा-कांग्रेस के शहजादे दिन में सपने देखते हैं। पहले मैं ये बात सुना करता था। 4 जून को यूपी की जनता इनको नींद से जगाने वाली है। तब ये ठीकरा EVM पर फोड़ेंगे।
मोदी जब तक जिंदा है तब तक आरक्षण कोई छीन नहीं सकता
चाहे जितना जोर लगा लें, मोदी जब तक जिंदा है। गरीब दलित, पिछड़े, आदिवासियों का आरक्षण कोई छीन नहीं सकता है। आपको गारंटी देता हूं, वंचितों का जो अधिकार है, वह दिलवाकर रहूंगा।
पीएम बोले- मैं गरीब मां का बेटा हूं
पीएम ने कहा- मैं गरीब मां का बेटा हूं। मुझे किसी के लिए कुछ कमाना नहीं है। किसी शाही खानदान से नहीं हूं। देश को मजबूत बनाना चाहता हूं। इसके लिए आपका आशीर्वाद चाहता हूं। कांग्रेस वाले कमाई छीनकर अपने जिहाद वाले वोट बैंक को बांटना चाहता हैं। SC, ST-OBC का कोटा मुस्लिम वोट बैंक में बांट देंगे। पहले कर्नाटक में भी ऐसा कर चुके हैं।
इंडी गठबंधन में कैंसर से बुरी बीमारियां
मोदी ने कहा- आपने देखा होगा आज गुंडे गले में तख्ती लटकाकर हाथ जोड़ते हैं। मुझे जेल में भेज दो। भाजपा यूपी को उस हालात में वापस नहीं जाने देगी, ये मोदी की गारंटी है। इंडी गठबंधन में कैंसर से बुरी बीमारियां हैं। ये फैलते-फैलते पूरे हिंदुस्तान को तबाह कर दें। ये तीनों बीमारियां देश के लिए कैंसर से भी ज्यादा विनाशक बन सकती हैं।
ये बीमारी हैं-
ये घोर सांप्रदायिक
ये घोर जातिवादी
ये घोर परिवारवादी