नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देशभर में टोल टैक्स में बढ़ोतरी कर दी है. वाहन चालकों को आज से सभी टोल प्लाजा पर 5 फीसदी ज्यादा टोल टैक्स देना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक हाईवे यूजर फीस सालाना संशोधन के तहत पहले 1 अप्रैल से लागू की जानी थी, लेकिन लोकसभा चुनावों के कारण इस बढ़ोतरी को टाल दिया गया था. यात्रियों का कहना है कि टोल टैक्स में बढोत्तरी उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ है. अब कार से यात्रा करने वालों को 5 रुपये अधिक टोल टैक्स देना पड़ेगा. वाहन चालकों ने कहा कि मेरठ से सरायं काले खां दिल्ली तक अब 165 रुपये टोल हुआ. मेरठ से इंदिरापुरम गाजियाबाद तक अब 110 रुपये टोल टैक्स देना होगा. मेरठ से डासना गाज़ियाबाद तक अब 75 रुपये टोल टैक्स देना होगा. यात्रियों का कहना है कि लगता है लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने का इंतज़ार किया जा रहा था. सरकार को टोल टैक्स को लेकर कुछ सोचना चाहिए, यह आम आदमी से जुड़ा हुआ मुद्दा है.
फीस में बढ़ोतरी, लेकिन सुविधाएं कब बढ़ेंगी
वाहन चालकों ने कहा टोल टैक्स बढ़ा है तो सुविधायें भी और बढ़नी चाहिए. इधर, एनएचएआई के अनुसार नई दरें लागू हो चुकीं हैं और यह सब हर साल होता है. टोल फीस को तय करने में होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर मुद्रास्फीति में परिवर्तन से जुड़ी है. वाहन चालकों ने कहा है कि टोल प्लाजा की गड़बड़ी से अधिक राशि ले ली जाती है. कभी लोड अधिक बताकर तो कभी कुछ कारण बताते हुए, इन पर रोकथाम होना चाहिए. कहीं टोल प्लाजा के मनमानी पर राजनेता और उनके समर्थक उत्पात मचाते हैं.
टोल टैक्स क्या होता है जिस पर होता है विवाद
टोल टैक्स एक प्रकार का ऐसा शुल्क है जो हर उस वाहन को देना होता है जो कुछ इंटरस्टेट एक्सप्रेस वे, नेशनल और स्टेट हाईवे को पार कर रहा हो. ये सभी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत हैं. इन टोल टैक्स को लेकर विवाद होता रहता है. वाहन चालकों की मांग होती है कि इनकी दरें ना बढ़ें. वहीं विपक्षी दल भी इस बढ़ोतरी का विरोध करते हैं. उनका कहना होता है कि ऐसा करने से आम लोगों की दिक्कतें बढ़ती हैं. टोल टैक्स बढ़ाने से आम दिनों में काम आने वाली वस्तुओं की कीमतों में भी असर पड़ता है.