पुणे। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पुणे में हुए पोर्श दुर्घटना के नाबालिग आरोपी की जमानत को रद्द कर उसे जुवेनाइल कस्टडी सेंटर भेजने का आदेश दिया है। इससे पहले अपने फैसले में दो लोगों की जाने लेने वाले इस नाबालिक को एक निबंध लिखने का आदेश देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया गया था। पूरे देश में इस फैसले का विरोध किया गया। लोगों के गुस्से को देखते हुए बोर्ड को अपना फैसला बदलना पड़ा और नाबालिक की जमानत रद्द कर दी गई।
नाबालिक आरोपी वेदांत अग्रवाल को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश कर उसके अपराध की धाराओं को बढ़ाया गया, जिसके बाद उसपर धारा 185 के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने मामला दर्ज कर लिया गया। साथ ही पुलिस ने कोर्ट से अनुरोध किया है की इस नाबालिक पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की इजाजत दी जाए।
आपको बता दें कि बीते शनिवार को एक लग्जरी कार पोर्श जो करीब 150 किमी प्रति घंटा थी, उसने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में बाइक पर सवार दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस कार को पुणे के एक बड़े बिल्डर का 17 साल का नाबालिग बेटा चला रहा था। घटना के बाद नाबालिक को एक निबंध लिखने की सजा देकर छोड़ दिया गया लेकिन लोगों के विरोध के बाद कार्रवाई की गई साथ नाबालिग के पिता, पब के दो कर्मियों को पुलिस हिरासत में भेजा दिया गया।