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अद्रभुद शक्ति स्वरूपा है मैहर की शारदा माता, बिना पुजारी के ही हो जाती है उनकी पूजा

By Viresh Singh

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मैहर। त्रिकूट पर्वत के 600 फीट की ऊंचाई पर विराजमान माता शारदा बेहद चमत्कारिक है। देश के दूर-दूर राज्यों से अपना मन वांछित फल की प्राप्ति की कामना को लेकर मैहर वाली माता के द्वार पर भक्त पहुचते है। नवरात्रि और नवदुर्गा उत्सव में यंहा भक्तों का सैलाब उमड़ता है। मंगलवार से शुरू हुआ चैत्र नवरात्रि का 9 दिनी मेला शुरू हो गया है। भक्तों की सुविधा को देखते हुए मंदिर में व्यवस्था बनाने प्रशासनिक अमला लगा हुआ है।

51 शक्तिपीठों में मैहर की मां शारदा

पैरणिक मान्यताओं के अनुसार माता सती के अंग जहां पर गिरे थे वहां एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया। ऐसी ही शक्तिपीठों में मां शारदा का पावन धाम भी है। बताते हैं कि 51 शक्ति पीठ में मैहर के त्रिकूट पर्वत की ऊंचाई पर मां का हार गिरा था। इसीलिए इसे मैहर वाली माता कहा जाता है।

गुमनाम व्यक्ति करता है मंदिर में पूजा

ऐसा बताया जाता है की माता मैहर वाली कि जब पुजारी पूजा करने के लिए मंदिर खोलते है तो वे खुद भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं, क्योंकि पुजारी के पहले ही बंद मंदिर में पूजा हो जाती है। एक मान्यता यह भी है कि माता के परम भक्त आल्हा और ऊदल सबसे पहले मैया की पूजा-अर्चना करने भोर में पहुंचते है। माता सबसे पहले आल्हा- ऊदल की पूजा को स्वीकार करती है। चंदेल राजाओं में वीर कहे जाने वाले आल्हा और ऊदल माता शारदा के परम भक्त रहे और उन्होंने लम्बे समय तक कठिन तपस्या करके ऊंची चोटी पर विराजमान माता की पूजा अर्चना किए थे। आदि काल से मां की पूजा उसी तरह से हो रही है। ऐसी मान्यता है कि आज भी आल्हा ऊदल सबसे पहले मां की पूजा करने के लिए बंद मंदिर में पहुंचते है।

400 पुलिस कर्मी तैनात

9 दिनों तक चलने वाले चैत्र नवरात्रि को लेकर मैहर में प्रशासन में व्यवस्था बनाई मैहर कलेक्टर रानी बाटड़ खुद मेला परिक्षेत्र की व्यवस्था की बराबर निगरानी कर रही हैं वही तकरीबन 400 पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था के तहत तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही प्रशासन के अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी बराबर सर्चिंग करेंगे कर रहे हैं। जानकारी के तहत जिला प्रशासन ने 18 अप्रैल तक सुबह 4ः00 बजे से रात 11ः00 बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा रखी है।

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